हरिद्वार। कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम गुरुद्वारे में सावन महीने की संक्रांति मनाई गई। इस दौरान कथा और कीर्तन का आयोजन किया गया। संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि अपने बच्चों को प्रभु सिमरन की शिक्षा दें। आजकल बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ अपनी संस्कृति और धर्म की भी शिक्षा देनी होगी। बच्चे अपनी संस्कृति और पूर्वजों के बलिदान को भूल रहे हैं। उन्हें अपने गुरुओं की वाणी सुनाओ। तभी समाज आगे बढ़ेगा। कथावाचक संत बलजिंदर सिंह शास्त्री ने शहीद भाई तारु सिंह की कथा और सावन महीने पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भाई तारु सिंह को बहुत प्रताड़ना दी गई लेकिन उन्होंने जुल्म के आगे सर नहीं झुकाया। सिक्ख समाज में ऐसे शहीदों का बहुत ऊंचा स्थान है। उन्होंने कहा कि गर्मी के बाद सावन महीने के आने से सभी जगह हरियाली आती है। इसी प्रकार मनुष्य को भी अपने जीवन में अच्छे कार्य करने चाहिए। इस अवसर पर संत त्रिलोचन सिंह,महेंद्र सिंह,मंजीत सिंह, सरबजीत कौर,रविंद्र सिंह,अमनप्रीत,गुरप्रीत सिंह,हरजीत सिंह,हरजोत सिंह,लखविंदर सिंह आदि उपस्थित थे।
बलजिंदर सिंह शास्त्री ने शहीद भाई तारु सिंह की कथा एंव सावन महीने पर प्रकाश डाला
हरिद्वार। कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम गुरुद्वारे में सावन महीने की संक्रांति मनाई गई। इस दौरान कथा और कीर्तन का आयोजन किया गया। संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि अपने बच्चों को प्रभु सिमरन की शिक्षा दें। आजकल बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ अपनी संस्कृति और धर्म की भी शिक्षा देनी होगी। बच्चे अपनी संस्कृति और पूर्वजों के बलिदान को भूल रहे हैं। उन्हें अपने गुरुओं की वाणी सुनाओ। तभी समाज आगे बढ़ेगा। कथावाचक संत बलजिंदर सिंह शास्त्री ने शहीद भाई तारु सिंह की कथा और सावन महीने पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भाई तारु सिंह को बहुत प्रताड़ना दी गई लेकिन उन्होंने जुल्म के आगे सर नहीं झुकाया। सिक्ख समाज में ऐसे शहीदों का बहुत ऊंचा स्थान है। उन्होंने कहा कि गर्मी के बाद सावन महीने के आने से सभी जगह हरियाली आती है। इसी प्रकार मनुष्य को भी अपने जीवन में अच्छे कार्य करने चाहिए। इस अवसर पर संत त्रिलोचन सिंह,महेंद्र सिंह,मंजीत सिंह, सरबजीत कौर,रविंद्र सिंह,अमनप्रीत,गुरप्रीत सिंह,हरजीत सिंह,हरजोत सिंह,लखविंदर सिंह आदि उपस्थित थे।