हरिद्वार। लोककल्याण के लिए पूरे सावन मास होने वाली निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की विशेष शिव आराधना तीसरे दिन भी जारी रही। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने विभिन्न प्रकार के फलों,पुष्पों व द्रव्यों से भगवान शिव का अभिषेक कर जलाभिषेक किया। उन्होंने कहा कि श्रावण मास देवों के महादेव भगवान शिव को समर्पित है। समुद्र मंथन से निकले विष के प्रभाव से संसार को बचाने के लिए विष को अपने कंठ में धारण करने वाले भगवान शिव कल्याणकारी देव हैं। भक्तों की सूक्ष्म आराधना और मात्र जलाभिषेक से ही प्रसन्न होने वाले भगवान शिव की आराधना से जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि सावन में प्रति दिन नियम पूर्वक गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। सावन में नियमपूर्वक सच्चे मन से की गयी शिव आराधना से जीवन बदल जाता है। शिवकृपा से साधक को सुख समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है और जीवन उन्नति की और अग्रसर होता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि पूरे सावन चलने वाली गुरूदेव की शिव आराधना से अवश्य ही लोकल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा।
भगवान शिव को समर्पित है श्रावण मास-स्वामी कैलाशानंद गिरी
हरिद्वार। लोककल्याण के लिए पूरे सावन मास होने वाली निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की विशेष शिव आराधना तीसरे दिन भी जारी रही। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने विभिन्न प्रकार के फलों,पुष्पों व द्रव्यों से भगवान शिव का अभिषेक कर जलाभिषेक किया। उन्होंने कहा कि श्रावण मास देवों के महादेव भगवान शिव को समर्पित है। समुद्र मंथन से निकले विष के प्रभाव से संसार को बचाने के लिए विष को अपने कंठ में धारण करने वाले भगवान शिव कल्याणकारी देव हैं। भक्तों की सूक्ष्म आराधना और मात्र जलाभिषेक से ही प्रसन्न होने वाले भगवान शिव की आराधना से जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि सावन में प्रति दिन नियम पूर्वक गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। सावन में नियमपूर्वक सच्चे मन से की गयी शिव आराधना से जीवन बदल जाता है। शिवकृपा से साधक को सुख समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है और जीवन उन्नति की और अग्रसर होता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि पूरे सावन चलने वाली गुरूदेव की शिव आराधना से अवश्य ही लोकल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा।