हरिद्वार। उछाली आश्रम की ओर से श्रीगुरु सेवक निवास में कांवड़ियों के लिए सामूहिक भण्डारा प्रसाद वितरण मंगलवार को भी जारी रहा। इस दौरान आज भी हजारों कांवड़ियों ने भोजन ग्रहण किया। श्रावण मास में शिवलिंग का जलाभिषेक करने के पवित्र उद्देश्य के विभिन्न स्थानों से आने वाले शिव भक्तों की सेवा भी पूण्य का कार्य हैं। शिव भक्त श्रद्धालुओं के लिए अधिकाधिक सुविधा उपलब्ध कराना भी सनातन धर्मालंबियों के लिए आवश्यक हैं। उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष महंत विष्णु दास महाराज ने बताया कि आश्रम प्रबंधन की ओर से शिवभक्तों के लिए लगातार भोजन पानी आदि की व्यवस्था की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सैकड़ों मील गंगा जल लेकर पैदल चलना काफी कठिन कार्य होता हैं। ऐसे में पैदल यात्रा करने वाले शिवभक्तों की सेवा करना भी बहुत पूण्य का कार्य हैं। महंत विष्णु दास भोजन ग्रहण करने के दौरान कांवड़ियों से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की अपील भी करते हैं। साथ ही सभी शिवभक्तों से काँवड़ उठाने के लिए अधिकाधिक नियमों का पालन करने का आह्वान भी किया जा रहा है। सेवा कार्य में राघवेंद्र दास, पुनीत दास, तिलक जी, सुभाष सिंघवानी, रमेश खनेजा सहित कई अन्य योगदान कर रहे है।
पैदल यात्रा करने वाले शिवभक्तों की सेवा करना भी बहुत पूण्य का कार्य-महंत विष्णु दास
हरिद्वार। उछाली आश्रम की ओर से श्रीगुरु सेवक निवास में कांवड़ियों के लिए सामूहिक भण्डारा प्रसाद वितरण मंगलवार को भी जारी रहा। इस दौरान आज भी हजारों कांवड़ियों ने भोजन ग्रहण किया। श्रावण मास में शिवलिंग का जलाभिषेक करने के पवित्र उद्देश्य के विभिन्न स्थानों से आने वाले शिव भक्तों की सेवा भी पूण्य का कार्य हैं। शिव भक्त श्रद्धालुओं के लिए अधिकाधिक सुविधा उपलब्ध कराना भी सनातन धर्मालंबियों के लिए आवश्यक हैं। उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष महंत विष्णु दास महाराज ने बताया कि आश्रम प्रबंधन की ओर से शिवभक्तों के लिए लगातार भोजन पानी आदि की व्यवस्था की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सैकड़ों मील गंगा जल लेकर पैदल चलना काफी कठिन कार्य होता हैं। ऐसे में पैदल यात्रा करने वाले शिवभक्तों की सेवा करना भी बहुत पूण्य का कार्य हैं। महंत विष्णु दास भोजन ग्रहण करने के दौरान कांवड़ियों से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की अपील भी करते हैं। साथ ही सभी शिवभक्तों से काँवड़ उठाने के लिए अधिकाधिक नियमों का पालन करने का आह्वान भी किया जा रहा है। सेवा कार्य में राघवेंद्र दास, पुनीत दास, तिलक जी, सुभाष सिंघवानी, रमेश खनेजा सहित कई अन्य योगदान कर रहे है।