हरिद्वार। खड़खड़ी स्थित श्री निर्धन निकेतन आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि सभी वेदों और धर्मशास्त्रों का सार श्रीमदभागवत कथा के श्रवण से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। गंगा तट पर संत महापुरूषों के सानिध्य में कथा श्रवण करने से दोगुना पुण्य लाभ प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि परम् कल्याणकारी श्रीमद्भावगत कथा कल्पवृक्ष के समान है। जिससे सभी इच्छाओं को पूरा किया जा सकता है। कथा के श्रवण और आयोजन से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथाव्यास ने कहा कि कथा श्रवण का लाभ तभी है। जब कथा से मिले ज्ञान को आचरण में धारण किया जाए। कथा से मिले ज्ञान के अनुसार आचरण करने से जीवन बदल जाता है। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है और सभी संकटों से छुटकारा मिलता है। आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण ने श्रद्धालुओं को आशीवर्चन देते हुए कहा कि अन्य युगों में मोक्ष प्राप्ति और कल्याण के लिए जहां अनेकों यत्न करने पड़ते थे। वहीं कलियुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही मोक्ष और कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। इस अवसर पर स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी हरिहरानंद,स्वामी दिनेश दास,स्वामी शिवानंद भारती,महंत गुरमीत सिंह,स्वामी हर्षवर्द्धन,स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि सहित बड़ी संख्या में संत महंत और श्रद्धालु मौजूद रहे।
सभी वेदों और धर्म शास्त्रों का सार है श्रीमद्भागवत कथा-स्वामी शिवानंद