हरिद्वार। हरिद्वार को केंद्र बनाकर भारतीय वृक्ष न्यास द्वारा उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला को विश्व पटल पर‘वृक्ष दिवस‘‘के रूप में मान्यता दिलाने हेतु ‘वृक्ष दिवस अभियान‘ संचालित किया है। 6जुलाई को हरिद्वार में आयोजित संत समागम के बीच इस महत्वपूर्ण अभियान का शुभारंभ हुआ जो नियमित गतिविधियों के माध्यम से हरेला जागरण किया जा रहा है। ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने वर्ष 25 के हरेला तक विश्व समुदाय के बीच‘‘वृक्ष दिवस‘‘के रूप में स्वीकार्यता हासिल कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उक्त जानकारी भारतीय वृक्ष न्यास के अध्यक्ष हरित ऋषि विजयपाल बघेल (ग्रीन मैन ऑफ इंडिया) ने हरिद्वार में आयोजित हरेला महोत्सव के अंतर्गत दर्जनों गतिविधियों में शामिल होने के बाद दी। उन्होंने बताया कि धार्मिक स्थलों, आश्रमों,विद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, ग्राम, औद्योगिक संस्थानों तथा स्वैच्छिक संगठनों के साथ सरकारी व गैर सरकारी स्थलों पर लगभग हरिद्वार के 340जगह पर हरेला उत्सव मनाया गया जो ऐतिहासिक रहा। ग्रीनमैन बघेल ने कहा कि उत्तराखंड के कुल भूभाग का दो तिहाई क्षेत्र वनाच्छादित होते हुए भी वन संरक्षण का संदेश दुनिया को चिपको मूवमेंट के माध्यम से पचास वर्ष पहले ही दे चुका है और अब जब जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की विश्वव्यापी समस्या का दंश पूरा ब्रह्मांड झेल रहा है ऐसे गंभीर संकटकाल में फिर देवभूमि उत्तराखंड से वृक्ष की चिंता करने वाला एक विशेष दिवस घोषित कराने की चिंगारी वृक्ष दिवस अभियान के रूप में निकली है। अभी एक दशक पहिले भी देवभूमि उत्तराखंड की आवाज योग दिवस के रूप में बुलंद हुई है। हरेला का दिन वृक्ष सम्मान के लिए सर्वोत्तम होने की वजह मानसून के साथ एक बड़ी खगोलीय घटनाक्रम में सूर्यदेव का दक्षिणायन होना है। इस दिन को कर्क संक्रांति के रूप में प्रकृति पर्व मनाया जाता है और इस दिन को रोपित पौधे की जीवितता सर्वाधिक होने के साथ अत्यंत पुण्यकारी कार्य होता है। इस वर्ष का हरेला पूरे भारत में‘वृक्ष दिवस‘के रूप मनाया जा रहा है साथ ही दुनिया के कई देशों तक इस पहल को आगे बढ़ाने के सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।
हरिद्वार से दुनिया तक पहुंची हरेला वृक्ष दिवस की गूंज - ग्रीनमैन विजयपाल बघेल
हरिद्वार। हरिद्वार को केंद्र बनाकर भारतीय वृक्ष न्यास द्वारा उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला को विश्व पटल पर‘वृक्ष दिवस‘‘के रूप में मान्यता दिलाने हेतु ‘वृक्ष दिवस अभियान‘ संचालित किया है। 6जुलाई को हरिद्वार में आयोजित संत समागम के बीच इस महत्वपूर्ण अभियान का शुभारंभ हुआ जो नियमित गतिविधियों के माध्यम से हरेला जागरण किया जा रहा है। ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने वर्ष 25 के हरेला तक विश्व समुदाय के बीच‘‘वृक्ष दिवस‘‘के रूप में स्वीकार्यता हासिल कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उक्त जानकारी भारतीय वृक्ष न्यास के अध्यक्ष हरित ऋषि विजयपाल बघेल (ग्रीन मैन ऑफ इंडिया) ने हरिद्वार में आयोजित हरेला महोत्सव के अंतर्गत दर्जनों गतिविधियों में शामिल होने के बाद दी। उन्होंने बताया कि धार्मिक स्थलों, आश्रमों,विद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, ग्राम, औद्योगिक संस्थानों तथा स्वैच्छिक संगठनों के साथ सरकारी व गैर सरकारी स्थलों पर लगभग हरिद्वार के 340जगह पर हरेला उत्सव मनाया गया जो ऐतिहासिक रहा। ग्रीनमैन बघेल ने कहा कि उत्तराखंड के कुल भूभाग का दो तिहाई क्षेत्र वनाच्छादित होते हुए भी वन संरक्षण का संदेश दुनिया को चिपको मूवमेंट के माध्यम से पचास वर्ष पहले ही दे चुका है और अब जब जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की विश्वव्यापी समस्या का दंश पूरा ब्रह्मांड झेल रहा है ऐसे गंभीर संकटकाल में फिर देवभूमि उत्तराखंड से वृक्ष की चिंता करने वाला एक विशेष दिवस घोषित कराने की चिंगारी वृक्ष दिवस अभियान के रूप में निकली है। अभी एक दशक पहिले भी देवभूमि उत्तराखंड की आवाज योग दिवस के रूप में बुलंद हुई है। हरेला का दिन वृक्ष सम्मान के लिए सर्वोत्तम होने की वजह मानसून के साथ एक बड़ी खगोलीय घटनाक्रम में सूर्यदेव का दक्षिणायन होना है। इस दिन को कर्क संक्रांति के रूप में प्रकृति पर्व मनाया जाता है और इस दिन को रोपित पौधे की जीवितता सर्वाधिक होने के साथ अत्यंत पुण्यकारी कार्य होता है। इस वर्ष का हरेला पूरे भारत में‘वृक्ष दिवस‘के रूप मनाया जा रहा है साथ ही दुनिया के कई देशों तक इस पहल को आगे बढ़ाने के सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।