शिव कृपा प्राप्त करने का सबसे उचित अवसर है श्रावण मास-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

 हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में आयोजित कांवड़ सेवा शिविर में गंगाजल लेने आए कांवड़ियों को भोजन प्रसाद वितरण किया और मंगलमय यात्रा का आशीर्वाद दिया। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को आशीवर्चन प्रदान करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव पूरे सावन माह कनखल स्थित दक्षेश्वर मंदिर में विराजमान रहकर सृष्टि का संचालन करते हैं। सावन माह शिव की कृपा प्राप्त करने का सबसे उचित अवसर है। सावन में शिवभक्त भगवान शिव की जटाओं से निकली गंगा का जल लेजाकर उनका अभिषेक करते हैं। गंगाजल से जलाभिषेक किए जाने से महादेव अत्यन्त प्रसन्न होते हैं और भक्तों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने कहा कि लोककल्याण के लिए समुद्र मंथन के दौरान निकले हलाहल विष को अपने कंठ में धारण कर सृष्टि की रक्षा करने वाले महादेव शिव अत्यन्त दयालु और कृपालु हैं और भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि कांवड़ लेने आने वाले सभी शिवभक्तों को तीर्थ यात्रा के नियमों का पालन करते हुए प्रशासन का भी सहयोग करना चाहिए। साथ ही गंगा को निर्मल व अविरल बनाए रखने में भी सहयोग करना चाहिए। गंगा में किसी प्रकार की गंदगी ना डालें और दूसरों को भी गंगा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रेरित करें।