हरिद्वार। श्रीराधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर रामनगर ज्वालापुर में आयोजित तीन दिवसीय नर्मदेश्वर महादेव स्थापना पूजन कार्यक्रम के दूसरे दिन भगवान नर्मदेश्वर महादेव को जलादिवास,अन्नादिवास,फलादिवास पुष्पादिवास एवं सैयादिवास कराया गया। इस अवसर पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भगवान की प्रतिष्ठा से पूर्व भगवान को अनेकों अनेक प्रकार से वास कराये जाते है। अन्न,जल,फल,पुष्प आदि सब में भगवान का वास माना जाता है। जिससे पूरा का पूरा ब्रह्मांड चल रहा है। पुराणों में भगवान शिव की महिमा अपरंपार बताई गई है। भगवान शिव त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर,महेश,रुद्र,नीलकंठ,गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। शिव को बिल्वपत्र,पुष्प,चन्दन का स्नान प्रिय हैं। इनकी पूजा के लिये दूध,दही,घी,शकर,शहद पंचामृत से की जाती है। पुराणों में महामृत्युंजय मंत्र शिव आराधना का महामंत्र है। भगवान शंकर का निवास स्थान कैलाश पर्वत है। अपना कल्याण चाहने वालों को श्रावण माह में शिव पुराण का पाठ और भगवान शिव का रुद्राभिषेक का अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर पंडित देवेंद्र ब्रह्म,बीना धवन,सिंपी धवन,सागर धवन, शांति दर्गन,चेतन कपूर,शिल्पा कपूर,रीना जोशी,पार्षद रेनू अरोड़ा,मोनिका विश्नोई,माया कपूर, रिंकी भट्ट,संध्या भट्ट,विमला देवी भट्ट,रेखा आर्य,रोजी अरोड़ा,सोनम शर्मा,शिमला उपाध्याय, दीप्ति भारद्वाज,सतवीर राणा,वंदना गुप्ता,मीनू सचदेवा,संजय सचदेवा,सुनीता वशिष्ठ,विनोद देवी,पंडित गणेश कोठारी,पंडित मोहन जोशी, जगदीश शर्मा आदि मौजूद रहे।
अन्न, जल, फल, पुष्प सब में है भगवान का वास-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री
हरिद्वार। श्रीराधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर रामनगर ज्वालापुर में आयोजित तीन दिवसीय नर्मदेश्वर महादेव स्थापना पूजन कार्यक्रम के दूसरे दिन भगवान नर्मदेश्वर महादेव को जलादिवास,अन्नादिवास,फलादिवास पुष्पादिवास एवं सैयादिवास कराया गया। इस अवसर पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भगवान की प्रतिष्ठा से पूर्व भगवान को अनेकों अनेक प्रकार से वास कराये जाते है। अन्न,जल,फल,पुष्प आदि सब में भगवान का वास माना जाता है। जिससे पूरा का पूरा ब्रह्मांड चल रहा है। पुराणों में भगवान शिव की महिमा अपरंपार बताई गई है। भगवान शिव त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर,महेश,रुद्र,नीलकंठ,गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। शिव को बिल्वपत्र,पुष्प,चन्दन का स्नान प्रिय हैं। इनकी पूजा के लिये दूध,दही,घी,शकर,शहद पंचामृत से की जाती है। पुराणों में महामृत्युंजय मंत्र शिव आराधना का महामंत्र है। भगवान शंकर का निवास स्थान कैलाश पर्वत है। अपना कल्याण चाहने वालों को श्रावण माह में शिव पुराण का पाठ और भगवान शिव का रुद्राभिषेक का अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर पंडित देवेंद्र ब्रह्म,बीना धवन,सिंपी धवन,सागर धवन, शांति दर्गन,चेतन कपूर,शिल्पा कपूर,रीना जोशी,पार्षद रेनू अरोड़ा,मोनिका विश्नोई,माया कपूर, रिंकी भट्ट,संध्या भट्ट,विमला देवी भट्ट,रेखा आर्य,रोजी अरोड़ा,सोनम शर्मा,शिमला उपाध्याय, दीप्ति भारद्वाज,सतवीर राणा,वंदना गुप्ता,मीनू सचदेवा,संजय सचदेवा,सुनीता वशिष्ठ,विनोद देवी,पंडित गणेश कोठारी,पंडित मोहन जोशी, जगदीश शर्मा आदि मौजूद रहे।