हरिद्वार। खड़खड़ी स्थित श्री निर्धन निकेतन आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को कथा के महत्व से अवगत कराते आश्रम के परमाध्यक्ष ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान का अथाह भण्डार है। कथा से मिले ज्ञान के अनुसार आचरण करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। जिससे असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर संत महापुरूषों के सानिध्य में श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने का अवसर सौभाग्य से मिलता है। इसलिए इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए और दूसरों को भी कथा श्रवण करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि कथा सत्संग ज्ञान प्राप्ति का सबसे अच्छा माध्यम है। श्रीमद्भावगत कथा ज्ञान प्रदान करने के साथ कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त करती है। अन्य युगों में जहां ज्ञान और मोक्ष प्राप्ति के लिए अनेक यत्न करने पड़ते थे। वहीं कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण और कथा से प्राप्त ज्ञान के अनुसार आचरण करने से ही सभी मनोरथ पूरे हो जाते हैं। श्रद्धालु भक्तों को भगवान के 24अवतारों की कथा सुनाते हुए कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत भक्त और भगवान की कथा है। कथा विचार,वैराग्य,ज्ञान प्रदान कर हरि से मिलने का मार्ग प्रशस्त करती है। इस अवसर पर महंत दुर्गादास,स्वामी ऋषिश्वरानंद,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी हरिहरानंद,स्वामी दिनेश दास,स्वामी शिवानंद भारती,महंत गुरमीत सिंह,स्वामी हर्षवर्द्धन,स्वामी चिदविलासानंद, महंत मोहन सिंह,महंत प्रेमदास,स्वामी कमलेशानन्द सहित बड़ी संख्या में संत महंत और श्रद्धालु मौजूद रहे।
ज्ञान का अथाह भण्डार है श्रीमद्भावगत कथा-स्वामी ऋषि रामकृष्ण
हरिद्वार। खड़खड़ी स्थित श्री निर्धन निकेतन आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को कथा के महत्व से अवगत कराते आश्रम के परमाध्यक्ष ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान का अथाह भण्डार है। कथा से मिले ज्ञान के अनुसार आचरण करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। जिससे असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर संत महापुरूषों के सानिध्य में श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने का अवसर सौभाग्य से मिलता है। इसलिए इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए और दूसरों को भी कथा श्रवण करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि कथा सत्संग ज्ञान प्राप्ति का सबसे अच्छा माध्यम है। श्रीमद्भावगत कथा ज्ञान प्रदान करने के साथ कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त करती है। अन्य युगों में जहां ज्ञान और मोक्ष प्राप्ति के लिए अनेक यत्न करने पड़ते थे। वहीं कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण और कथा से प्राप्त ज्ञान के अनुसार आचरण करने से ही सभी मनोरथ पूरे हो जाते हैं। श्रद्धालु भक्तों को भगवान के 24अवतारों की कथा सुनाते हुए कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत भक्त और भगवान की कथा है। कथा विचार,वैराग्य,ज्ञान प्रदान कर हरि से मिलने का मार्ग प्रशस्त करती है। इस अवसर पर महंत दुर्गादास,स्वामी ऋषिश्वरानंद,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी हरिहरानंद,स्वामी दिनेश दास,स्वामी शिवानंद भारती,महंत गुरमीत सिंह,स्वामी हर्षवर्द्धन,स्वामी चिदविलासानंद, महंत मोहन सिंह,महंत प्रेमदास,स्वामी कमलेशानन्द सहित बड़ी संख्या में संत महंत और श्रद्धालु मौजूद रहे।