उत्तराखंड के प्राकृतिक सौन्दर्य के लिये सिंगल यूज प्लास्टिक घातक

 कावंड मेला को सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री करना जरूरी


ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने श्रावण माह में होने वाली दिव्य कांवड़ यात्रा को सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड शासन व प्रशासन कावंड मेला को सूचारू रूप से आयोजित करने के लिये भरसक प्रयास करता हैं,अब समय आ गया कि हम सब मिलकर कांवड मेला को सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री मेला बनाये। इस दौरान नीलकंठ मार्ग पर होने वाले भंडारे व भोजन स्टालों पर उपयोग किये जाने वाले प्लास्टिक की प्लेट व कप तथा एक बार उपयोग किये जाने वाले रेनकोट आदि की ब्रिकी व उपयोग पर पूरी तरह रोक लगानी जरूरी है। स्वामी जी ने कहा कि उत्तराखंड ’भारत का स्विट्जरलैंड भी है और स्पिरिचुअल लैण्ड भी। उत्तराखंड में तीर्थाटन और पर्यटन दोनों का दिव्य संगम है। यहां ऑक्सीजन बैंक,वॉटर बैंक और आयुर्वेद व जड़ी- बूटी बैंक का भण्डार है इसलिये उत्तराखंड विश्व ग्लोब पर एक विशेष स्थान रखता है। यहां पर आप पर्यटन की दृष्टि से नहीं तीर्थाटन के लिये आईये। उत्तराखंड की यात्रा-सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री यात्रा हो। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि उत्तराखंड ,जागृति का केन्द्र है क्योंकि यहां पर पवर्तराज हिमालय हैं माँ गंगा है। यह महर्षि विश्वामित्र,महर्षि कण्व और महर्षि चरक की भी भूमि है। यह भूमि आदिगुरू शंकराचार्य जी की तपस्थली है और यहीं पर वेदों का प्राकट्य भी हुआ है। ये केवल पहाड़ नहीं हैं बल्कि भारतीय संस्कृति के उद्गाता भी हैं। हिमालय और गंगा में प्रकृति और संस्कृति का अद्भुत समन्वय है। उत्तराखण्ड राज्य को स्वयं ईश्वर ने जल,वायु,सदानीरा नदियों,माँ गंगा,पहाड़ों और जंगलों से समृद्ध बनाया है। उत्तराखंड अपार शान्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा देने वाला प्रदेश है। अपार प्राकृतिक संपदाओं से युक्त यह राज्य आध्यात्मिक ऊर्जा का पावर बैंक है जो पूरी दुनिया को इनर पावर प्रदान कर सकता है। यह प्रदेश प्राकृतिक सौन्दर्य से युक्त है इसके प्राकृतिक सौन्दर्य को बनाये रखने के लिये हमें सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री यात्रा, पर्व व त्यौहारों की शुरूआत करनी होगी। स्वामी जी ने कहा कि कांवड मेला भगवान शिव को समर्पित है। धरती को बचाने के लिये शिव जी ने विष पिया,अब यह हमारा कर्तव्य है कि इस धरती को प्लास्टिक रूपी विष से बचाने के लिये सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करें ताकि हमारी धरती ,जल,वायु प्रदूषण मुक्त हो सकें।