हार्ट की हेल्थ सही रखने के लिए जरूरी है स्ट्रेस मैनेजमेंट

 हरिद्वार। भागदौड़ भरी जिंदगी में हार्ट के स्वास्थ्य पर तनाव के हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं. ‘‘वह ब्रोकन हार्ट से मर गई‘‘ये शब्द अब सिर्फ कोई पोएट्री नहीं है,बल्कि एक मेडिकल रियलिटी है। हालांकि,अच्छी बात ये है कि ऐसे उदाहरण कम ही हैं। जो लोग व्यक्तिगत या नौकरी के तनाव,अवसाद, या किसी करीबी के नुकसान का अनुभव करने वाले, विशेष रूप से पति या पत्नी,उनमें दिल का दौरा पड़ने की संभावना लगभग दो गुना अधिक होती है.दिल पर तनाव के बुरे प्रभाव कैसे हो सकते हैं,इसके बारे में अलग-अलग थ्योरी हैं,जिसमें मस्तिष्क चेतावनी गतिविधि और हार्मोन में वृद्धि के साथ एक जन्मजात‘‘फाइट या फ्लाइट रिस्पॉन्स‘‘ शामिल है. इससे तेज नाड़ी और ब्लड प्रेशर, अधिक सांस लेने और यहां तक कि इम्यूनिटी भी कम हो सकती है। तनाव के कारण इलेक्ट्रिकल रिदम की गड़बड़ी भी पैदा हो सकती है, जो घातक हो सकती है.तनाव को पिन करना बेहद मुश्किल है, मापना मुश्किल है,यहां तक कि इसे परिभाषित करना भी मुश्किल है। यह मॉडर्न लाइफ से तनाव से अलग है। कुछ लोग लगातार ज्यादा दबाव की स्थितियों में हो सकते हैं,फिर भी बेफिक्र रहते हैं यह दर्शाता है कि तनाव हमारी अपनी प्रतिक्रिया के कारण होता है। यदि आप दबाव का आनंद लेना बंद कर देते हैं,तो यह चिंता करने,विराम लेने और शायद अपने जीवन को फिर से संतुलित करने का समय है। मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ.राजीव अग्रवाल ने बताया,‘‘हाई ब्लड प्रेशर,डायबिटीज,कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान,मोटापा और व्यायाम की कमी जैसे पारंपरिक जोखिम कारक खराब लाइफस्टाइल से संबंधित हैं, लेकिन इनके कारण कम ही दिल के दौरे के मामले सामने आते हैं। कई बार हम खुद तनाव पैदा करते हैं जो कोरोनरी-प्रोन बिहेवियर पर असर डालते हैं। ज्यादा क्रोध, शत्रुता,आक्रामकता,समय की तात्कालिकता, बेवजह प्रतिस्पर्धा और काम के साथ व्यस्तता जैसे खतरनाक लक्षण,जिन्हें अक्सर टाइप ए व्यक्तित्व या कोरोनरी-प्रोन बिहेवियर कहा जाता है, को स्वस्थ लाइफस्टाइल के लिए कम किया जाना चाहिए। नींद के पैटर्न भी मायने रखते हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने स्वस्थ जीवन शैली के एक आवश्यक घटक के रूप में 6-8 घंटे की अच्छी गुणवत्ता वाली नींद को मान्यता दी है। योग,ध्यान,बायो-फीडबैक और रिक्रिएशन जैसी चीजों के सहारे बिना मेडिकल हस्तक्षेप के राहत पाई जा सकती है।  मनोचिकित्सकों और क्लिनिकल मनोवैज्ञानिकों की सलाह से तंबाकू और शराब की लत छुड़ाने में मदद मिलती है और तनाव को मैनेज किया जाता है। डॉक्टर राजीव ने आगे कहा, ‘‘प्रभावी तनाव मैनेजमेंट में काम और जीवन में यथार्थवादी लक्ष्य रखने से तनावपूर्ण स्थितियों से बचना, रोजाना 30मिनट व्यायाम करना,फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर स्वस्थ आहार खाना,धूम्रपान रोकना और शराब का सेवन सीमित करना शामिल है। डाउन-टाइम, ध्यान, प्रार्थना ,पढ़ना,योग और अन्य विश्राम तकनीकों के माध्यम से तनाव को मैनेज किया जाता है. इनकम की होड़ में हमें ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस का भी ध्यान रखना चाहिए.