तिजु जुंकी नदी का कार्गो और यात्री परिवहन के लिए उपयोग करने की योजनाः सोनोवाल

 केंद्रीय पत्तन,पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने समीक्षा बैठक में की घोषणा

देहरादून केंद्रीय पत्तन,पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने यहां आयोजित हितधारकों के सम्मेलन में नागालैंड की जलमार्ग क्षमताओं को कुशल बनाने के उद्देश्य से आज प्रमुख पहलों की घोषणाएं की हैं। नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने सर्बानंद सोनोवाल के साथ मिलकर तिंजु-जुकी (राष्ट्रीय जलमार्ग 101) के विकास की घोषणाएं की हैं। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) तथा परिवहन विभाग,नागालैंड सरकार मिलकर इस बारे में क्षमताओं का अध्ययन करेंगे। रियो और सोनोवाल ने राज्य में दोयांग नदी की पर्यटन संभावनाओं के विकास के लिए पहल करने की भी घोषणा की है। इस सिलसिले में सामुदायिक जेट्टियों और रो पैक्स फेरी संबंधी व्यावहारिकता अध्ययन भी किया जाएगा। इन प्रयासों से राज्य की पर्यटन संभावनाओं को बल मिलेगा। ये घोषणाएं भारत सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा आयोजित हितधारक सम्मेजल में आयोजित एक इंटरेक्टिव सत्र के दौरान की गई। इस सम्मेलन में राज्य के उपमुख्यमंत्री यानथुंगो पैटन,पर्यटन मंत्री टेम्जेन इम्ना अलोंग के अलावा लोकसभा सांसद एसएस जामिर,राज्यसभा सांसद फांगनॉन कोन्याक,विधायक एवं सलाहकार,नागालैंड एम यान्थान,विधायक एवं सलाहकार परिवहन एवं तकनीकी शिक्षा टेम्जेनमेनबा, विधायक एवं सलाहकार एसके यिमचुंगेर,विधायक नागालैंड जेडएन न्यूथे,विधायक नागालैंड सीके संतम,के अलावा आईडब्ल्यूएआई के वाइस चेयरमैन सुनील सिंह,आयुक्त एवं सचिव,परिवहन विभाग, नागालैंड सरकार तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के कुछ वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे। इस मौके पर केंद्रीय पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा,“जलमार्ग वास्तव में, परिवहन के सबसे किफायती,सस्टेनेबल और कुशल साधन होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा से देश के भीतर अंतर्देशीय जलमार्गों को वैकल्पिक परिवहन मार्गों के तौर पर विकसित करने पर जोर दिया है। देश का पूर्वोत्तर का इलाका भारत के विकास के इंजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यहां जलमार्गों की जटिल और गतिशील व्यवस्था देशभर में विकास की आंधी को बढ़ावा देने के लिहाज से शानदार अवसर है। हम इस क्षेत्र में जलमार्गों के विकास पर जोर देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सभी हितधारकों जैसे ट्रांसपोर्टरों,एग्जिम ट्रेडरों,व्यावसायिक हितधारकों तथा पोत मालिकों का आह्वान किया कि वे क्षेत्र में बेहतर बनाए जा चुके जलमार्गों द्वारा उपलब्ध कराए अवसरों का लाभ उठाएं। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पूर्वोत्तर के युवाओं से मैरीन सेक्टर (समुद्री क्षेत्र) में रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने के लिए समुद्री कौशल विकास केंद्र से समुद्री कौशल में प्रशिक्षण प्राप्त करने का भी आह्वान किया। नागालैंड में राष्ट्रीय जलमार्ग 101लोंगमात्रा (नागालैंड) से अवांगखु तक जाता है। जहां आईडब्ल्यूएआई द्वारा व्यावहारिकता अध्ययन कराया जाएगा। इस अध्ययन में जलमार्गों के विकास,नेविगेशन सहायता,न्यूनतम इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ टर्मिनल, कौशल विकास तथा पोतों की खरीद के परिप्रेक्ष्यों को टटोला जाएगा। नागालैंड की तिजु नदी आगे म्यांमार में हत्मंथी में चिंदडाउन नदी (जो कि इरावदी नदी की तीसरी सबसे बड़ी सहायक है),जिसे म्यांमार में निंग्थी नदी के नाम से भी जाना जाता है,से मिलती है। इरावदी मांडले चौक,प्रोमे और हिंथदा से होते हुए आगे चलकर इरावदी डेल्टा के बाद अंडमान सागर में समाती है। इस प्रकार ये भारत के पूर्वोत्तर से अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक मार्गों पर कार्गो परिवहन के लिए जलमार्गों के इस्तेमाल का बेहतरीन विकल्प उपलब्ध कराती है।