हरिद्वार। श्री सूरत गिरि बंगला गिरीशानदं आश्रम के परमाध्यक्ष महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि ने कहा कि पराम्बा मां भगवती समस्त चराचर की आधारभूत हैं। उन्हीं की माया से संसार का चक्र चलता है। शक्ति के बिना शक्तिमान की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आश्रम में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के दौरान श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक काल में शत्रुओं और दानवों का दलन करने के लिए शक्ति की उपासना का वर्णन मिलता है। चाहे देव हों या मनुष्य रूप में परमात्मा का अवतार या फिर मनुष्य,संकट आने पर सभी ने शक्ति का आह्वान किया और विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा कि शक्ति समस्त चराचर में व्याप्त होते हुए भी अदृश्यमान है। कहा कि व्यक्ति में सोचने की शक्ति,बल की शक्ति,धन की शक्ति आदि सभी में शक्ति समाहित है। बिना शंक्ति के कुछ भी संभव नहीं हैं। शक्ति के कारण ही शक्तिमान होता है। उन्होंने आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र में श्रीमद् देवी भागवत परायण को अत्यंत श्रेष्ठ बताते हुए सभी के कल्याण की कामना की। कथा व्यास स्वामी विश्वस्वरूपानंद गिरि महाराज ने शक्ति का वर्णन करते हुए कहा कि व्यास महाराज ने जन्मेजय को श्रीमद्देवी भागवत कथा का श्रवण कराकर लोक कल्याण का कार्य किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद् देवी भागवत का श्रवण,मनन और चिंतन करने मात्र से व्यक्ति के संतापों का नाश हो जाता है। यदि व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति के साथ श्रीमद्देवी भागवत के एक शब्द का भी स्मरण कर लेता है तो उसका कल्याण निश्चित है। उन्होंने श्रीमद्देवी भागवत कथा के आयोजन के लिए कौशिक परिवार को साधुवाद देते हुए सभी के कल्याण की कामना की। इस अवसर पर मनोज कौशिक,सुमन शर्मा,मधुप शर्मा,आशा शर्मा,मुकेश कौशिक ,पूनम शर्मा,शिवांश शर्मा,स्नेहा शर्मा,रामानंद,अचिन,निपुण,ललित मोहन,बबीता,आयुष शर्मा,माधव शर्मा,अजय शर्मा,पिंकी शर्मा,अन्नी शर्मा आदि मौजूद रहे।