कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की आत्मा की शान्ति के लिये विशेष प्रार्थना

 


ऋषिकेश। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की की दर्दनाक मौत पर आक्रोश जाहिर करते हए मृतका आत्मा की शान्ति के लिये परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने की विशेष प्रार्थना व शान्तिपाठ किया। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने आज प्रातःकाल आरजीकर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर को शीघ्र न्याय मिले व उनकी आत्मा को शान्ति प्राप्त हो इस हेतु कैंडल मार्च निकाला तथा शान्ति पाठ कर जूनियर डॉक्टर को श्रद्धाजंलि अर्पित की। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8व 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर के साथ जो भी हुआ वह अत्यंत दर्दनाक था,जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस घटना ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र बल्कि पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। साथ ही इस घटना से हमें सचेत होना चाहिये कि नारी शक्ति के लिये उनके कार्यक्षेत्र यथा अस्पताल, मेडिकल कॉलेज,हास्टल,स्कूल और दफ्तर कितने सुरक्षित हैं। इस घटना ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं बल्कि सुरक्षा व्यवस्थाओं की इन खामियों की ओर सब का ध्यान भी आकर्षित किया है। हमें नारियों की सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक और संवेदनशील होने की जरूरत है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे अस्पताल और शैक्षणिक संस्थान सुरक्षित हों और वहां काम करने वाले सभी लोग भी सुरक्षित महसूस करें। परमार्थ परिवार ने पीड़िता के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुये कहा कि इस कठिन समय में पूरा देश उनके साथ खड़ा हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आज पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि अटल जी,अटल थे, सबल थे और निर्बलों के बल थे,वे जिससे भी मिलते थे सहजता से उसके हृदय को छू लेते थे। अटल जी लोकसभा में हो या जन सभाओं में हो उनकी वाणी,उनकी विद्वता और उनकी नम्रता की त्रिवेणी समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को छू लेती थी। अटल जी जाने से पहले हमें अपनी कविताओं की ऐसी रोशनी और जोश दे गये जो इस देश को सदियों तक रोशन और जागृत बनाये रखेगा। वे कुशल संगठन कर्ता,प्रखर प्रवक्ता और सफल राजनेता थे। कितनी भी जटिल से जटिल समस्यायंे हों या जटिल विषय हांे उनका कवि हृदय सहजता से उन्हें सुलझा लेता था। उनका जीवन स्वयं के लिये नहीं बल्कि नये भारत के सृजन के लिये ही था। उनकी कविताओं में देशभक्ति,राष्ट्र निष्ठा और देश के प्रति प्रेम ओतप्रोत है,वे हमारे बीच नहीं हैं परन्तु उनके विचार हमेशा जीवंत बने रहेंगे।