हरिद्वार। प्रेरणा पीठ पीराणा जगतगुरू संतंपथाचार्य स्वामी ज्ञानेश्वर देवाचार्य महाराज ने हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन कर मानव कल्याण की कामना की। हरकी पैड़ी पहुंचने पर श्री गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम व अन्य पदाधिकारियों ने स्वामी ज्ञानेदश्वर देवाचार्य महाराज का पटका पहनाकर स्वागत किया। स्वामी ज्ञानेश्वर देवाचार्य महाराज ने कहा कि मानव कल्याण के लिए धरती पर अवतरित हुर्ह मां गंगा भारत की आत्मा है। मां गंगा के जल मे स्नान,आचमन व दर्शन मात्र से ही सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। महंत स्वामी अरूणदास महाराज ने कहा कि स्वामी ज्ञानेश्वर देवाचार्य महाराज दिव्य महापुरूष हैं। उनकी ओजस्वी वाणी से प्रसारित होने वाले आध्यात्मिक संदेशों से भक्तों को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि संत महापुरूष सनातन धर्म संस्कृति के ध्वजवाहक हैं। संत रूपी गुरू की शिक्षाएं ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती हैं। इस अवसर पर गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ,कृष्ण कुमार शर्मा,सुभाष शर्मा,देवजी भाई पटेल,अबजी भाई,जगदीश भाई, पर्वत भाई,महेश भाई,गणपत भाई,सुरेश भाई,प्रवीण भाई,नवीन भाई,केतन भाई,रमेश भाई, अरविन्द भाई,बाबू भाई आदि श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
भारत की आत्मा है मां गंगा-स्वामी ज्ञानेश्वर देवाचार्य
हरिद्वार। प्रेरणा पीठ पीराणा जगतगुरू संतंपथाचार्य स्वामी ज्ञानेश्वर देवाचार्य महाराज ने हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन कर मानव कल्याण की कामना की। हरकी पैड़ी पहुंचने पर श्री गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम व अन्य पदाधिकारियों ने स्वामी ज्ञानेदश्वर देवाचार्य महाराज का पटका पहनाकर स्वागत किया। स्वामी ज्ञानेश्वर देवाचार्य महाराज ने कहा कि मानव कल्याण के लिए धरती पर अवतरित हुर्ह मां गंगा भारत की आत्मा है। मां गंगा के जल मे स्नान,आचमन व दर्शन मात्र से ही सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। महंत स्वामी अरूणदास महाराज ने कहा कि स्वामी ज्ञानेश्वर देवाचार्य महाराज दिव्य महापुरूष हैं। उनकी ओजस्वी वाणी से प्रसारित होने वाले आध्यात्मिक संदेशों से भक्तों को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि संत महापुरूष सनातन धर्म संस्कृति के ध्वजवाहक हैं। संत रूपी गुरू की शिक्षाएं ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती हैं। इस अवसर पर गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ,कृष्ण कुमार शर्मा,सुभाष शर्मा,देवजी भाई पटेल,अबजी भाई,जगदीश भाई, पर्वत भाई,महेश भाई,गणपत भाई,सुरेश भाई,प्रवीण भाई,नवीन भाई,केतन भाई,रमेश भाई, अरविन्द भाई,बाबू भाई आदि श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।