हरिद्वार। वरिष्ठ नागरिक सामाजिक संगठन ने विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी किए जाने का विरोध किया है। संगठन की बैठक को संबोधित करते हुए अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि जनप्रतिनिधियों ने मिलकर अपने मासिक वेतन में 60000 रुपए से लेकर 75000 तक की बढ़ोतरी कर ली। जबकि जनता और सेवानिवृत वरिष्ठ नागरिक अपनी ईपीएफ 95 तथा अन्य पेंशन बढ़ाने के लिए वर्षों से निवेदन करते आ रहे है। भाग दौड़ करते-करते उनकी चप्पल तक घिस चुकी हैं। लेकिन सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई और परिणाम शून्य है। देश का हर गरीब अमीर आदमी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जीएसटी और इनकम टैक्स के माध्यम से सरकार को टैक्स दे रहा है। लेकिन जनप्रतिनिधि कोई टैक्स नहीं देते हैं। अपने को देश के विकास के लिए समर्पित और वफादार बताते नहीं थकते हैं। सरकारों पर भारी भरकम कर्ज होते हुए भी जनप्रतिनिधि अपने वेतन में 70000 रुपए मासिक तक की वृद्धि कर लेते हैं और नारा देते हैं सबका साथ सबका विकास। लेकिन विकास सिर्फ अपना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता बिजली के बढते रेट और जल मूल्यों में बार-बार बेतहाशा वृद्धि और महंगाई से त्रस्त है। लेकिन आमजन की समस्याओं का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। आर्थिक बोझ से दबी जनता गरीबी रेखा की और बढ़ती जा रही है। बैठक के दौरान संगठन में शामिल हुए ललिता प्रसाद,किशोरी लाल कौशिक,द्वारका दास शर्मा,कृष्ण सिंह लाड़ का स्वागत भी किया गया। बैठक में शिवचरण,हरिनाथ धीमान,डा.रमेश कुमार,हरदयाल अरोड़ा, सुखबीर सिंह,ताराचंद,देवी दयाल,अतर सिंह,सीताराम,सोमपाल सिंह,एससीएस भास्कर,महेंद्र सिंह ,भौपाल सिंह,विद्यासागर गुप्ता,एसपी गौड़,सुंदरलाल,एसएन बत्रा,पीसी धीमान,केपी शर्मा,प्रेम कुमार,रामसागर सिंह,बाबूलाल सुमन,बदन सिंह,सुभाष ग्रोवर,महेन्द्र शर्मा, गिरधारीलाल,शिव बचन ,रामबाबू सिंह,अरूण राणा, जोगेंदर तनेजा,हरिश्चन्द्र चावला,शिवकुमार शर्मा,संतोख सिंह,सतपाल चांदना, सुभाषचन्द्र मौजूद रहे।