हरिद्वार। ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा उद्देश्वर पब्लिक स्कूल ज्वालापुर में हरेला माह के अवसर पर‘‘आधुनिक काल में हरेला का बढ़ता महत्व‘‘विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता टीटीआई के संरक्षक जगदीश लाल पाहवा तथा संचालन उप प्रधानाचार्य बबीता शर्मा ने किया। संगोष्ठी में मुख्यवक्ता के रूप में शामिल हुए भारतीय वृक्ष न्यास के अध्यक्ष ग्रीनमैन विजयपाल बघेल ने कहा कि हमारा अस्तित्व केवल पृथ्वी ग्रह पर है और बाकी सभी ग्रहों पर जीवन असंभव है। पृथ्वी ग्रह के अलावा अन्य किसी ग्रह पर जीवन न होने का मुख्य कारण वहां पर पेडों का न होना है। विनाशकारी विकास के लिए धरती को भी अब वृक्षरहित किया जा रहा है,जिस कारण ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिर्वतन जैसी वैश्विक समस्या दुनिया के सामने बड़ी चुनौती बन गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में हरेला जैसा लोकपर्व ही प्रकृति संरक्षण के प्रति सजग रहने की प्रेरणा देकर संवर्बद्धन की परंपरा सृजित किया है। भारतीय वृक्ष न्यास के उत्तराखंड राज्य समन्वयक प्रमोद शर्मा ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने हमेशा से ही दुनिया को पर्यावरण सुरक्षा की सीख दी है और हरेला के माध्यम से तो प्रकृति पूजन की परंपरा स्थापित कर अद्वितीय आयाम स्थापित किया है। विश्व हिंदू परिषद के प्रान्त सेवा प्रमुख अनिल भारतीय ने वृक्षों के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सृष्टि द्वारा जीवनदायिनी प्रकृति ने वृक्षों के रूप में हमको अनमोल उपहार दिया है जिनकी रक्षा करना ही अपने अस्तित्व को बचाने का एकमात्र उपाय है। उद्देश्वर पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या आरती गौतम ने अतिथियों का सम्मान करते हुए कहा कि विद्यालय के लिए हरेला संगोष्ठी का आयोजन होना सौभाग्य की बात है। अध्यक्षीय भाषण में जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि 6 जुलाई से अनवरत जारी अभियान के अन्तर्गत प्रतिदिन संचालित गतिविधियों के आयोजन से जन सहभागिता और हरेला जागरूकता फैलाई जा रही है। अतिथियों ने प्रतिभावान छात्रों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। दर्जनों अध्यापक और सैंकड़ों विद्यार्थियों ने संगोष्ठी में भाग लेकर हरेला के मर्म को जाना। संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथिगणों, प्रधानाचार्या और छात्रों ने मिलकर जामुन के वृक्ष विद्यालय प्रांगण में रोपित करके किया।