हरिद्वार। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने कृषक कल्याण हेतु कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि कृषण कल्याण हेतु चल रही योजनाओं का लाभ पात्र कृषकों तक पहुॅचाना सुनिश्चित करें। योजनाओं के क्रियान्वयन तथा लाभार्थी चयन में पूरी पारदर्शिता से कार्य करना सुनिश्चित करे। यह भी सुनिश्चित किया जाये कि योजनाओं का लाभ समय से मिले। जिलाधिकारी ने कहा कि कृषकों को उन्नत खेती के गुर सिखाए जाये तथा जनपद में दलहनी (उर्द,मूंग,मसूर) एवं तिलहनी (तिल,मूंगफली, सरसों) फसलों के क्षेत्रफल को बढ़ावा हेतु कृषकों को जागरूक किया जाये और समय से हर सम्भव मदद उपलब्ध कराई जाये। जिलाधिकारी ने जिला योजनान्तर्गत मात्र 21प्रतिशत एवं राज्य पोषित योजनान्तर्गत मात्र 24 प्रतिशत व्यय होने के कारण कड़ा रोष व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि यथाशीघ्र जनपद को जिला योजना एवं राज्य पोषित योजनान्तर्गत आवंटित धनराशि का सदुपयोग करते हुए माह-अक्टूबर,2024 तक कुल धनराशि का 50प्रतिशत वित्तीय पूर्ति को पूर्ण किया जाए। जिलाधिकारी मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कार्यों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि लक्ष्य के सापेक्ष अवशेष मृदा नमूनों को एकत्रित कर विश्लेषण उपरान्त पोर्टल पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड अपलोड करने की कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण करें,तदोपरान्त भौतिक रूप से कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करायें। बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2024-25 में जिला योजनान्तर्गत आवंटित धनराशि रू०350.00लाख के सापेक्ष धनराशि रू०72.02लाख व्यय किया गया। राज्य पोषित योजनान्तर्ग ०4 योजनाओं में आवंटित धनराशि रु०367.38लाख के सापेक्ष धनराशि रु०89.67लाख व्यय किया गया। केन्द्रपोषित योजनान्तर्गत आवंटित धनराशि रू० 466.64लाख के सापेक्ष धनराशि रू0 431.66लाख व्यय किया गया। उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना(मृदा स्वास्थ्य कार्ड)की जानकारी देते हुए बताया कि योजनान्तर्गत जनपद को 10000 नमूनों का वार्षिक लक्ष्य आवंटित है,जिसके सापेक्ष जनपद में 6560नमूने एकत्रित किये गये,जिसमें से 4505नमूने विशलेषण उपरान्त मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल पर अपलोड किये गये। बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल सिंह भण्डारी,कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी मो.ताहिर कृषि रक्षाधिकारी रामकुमार दोहरे, सहायक कृषि अधिकारी राजकुमार आदि उपस्थित थे।