हरिद्वार। सौंदर्यकरण के नाम पर नगर निगम द्वारा हरे पेड़ काटे जाने पर पर्यावरण ग्रीन एंड क्ली सोसायटी ने नाराजगी जतायी है। संस्था के अध्यक्ष लव कुमार शर्मा ने बताया कि भगत सिंह चौक का सौंदर्यीकरण का कार्य नगर निगम द्वारा किया जाना है। जिसका प्रस्ताव निवर्तमान पार्षद अनुज सिंह द्वारा निगम में दिया गया था। निगम द्वारा शनिवार को चौक पर लगे हरे पेड़ों को काट दिया गया। लव कुमार शर्मा ने कहा कि बिना पेड़ो को काटे भी चौक का सौंदर्यीकरण हो सकता था। पांच वर्ष पूर्व तत्कालीन नगर आयुक्त द्वारा भगत सिंह चौक को प्रदूषण से बचाने और सौंदर्यीकरण के लिए पौधारोपण किया गया था। चौक के चारों तरफ रंग रोगन कर छोटे छोटे पौधे लगाए गए थे। रोजाना उनमें पानी, खाद देने के बाद उन्हें बड़ा किया गया। जब पौधे बड़े पेड़ बन गए और चौराहे की शोभा बढ़ा रहे तो निगम द्वारा उन्हें काटा जा रहा है। किसी भी चौराहे पर पेड़ नहीं हैं और जहां हैं वहां काटे जा रहे हैं। सचिव अनूप सिंह सिद्धू ने कहा कि लॉपिंग करके पेड़ों को बचाया भी जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस प्रकार से हरे पेड़ों को काटने से क्या लाभ है। निवर्तमान पार्षद अनुज सिंह ने कहा कि उनके द्वारा सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव भेजा गया था। पेड़ काटने का प्रस्ताव नहीं था। किसके द्वारा ऐसा करवाया जा रहा है। इसकी जानकारी ली जाएगी। वहीं मुख्य नगर आयुक्त का कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं है निर्माण विभाग जानकारी देगा।
पेड़ काटे जाने पर पर्यावरण ग्रीन एंड क्लीन सोसायटी ने जतायी नाराजगी
हरिद्वार। सौंदर्यकरण के नाम पर नगर निगम द्वारा हरे पेड़ काटे जाने पर पर्यावरण ग्रीन एंड क्ली सोसायटी ने नाराजगी जतायी है। संस्था के अध्यक्ष लव कुमार शर्मा ने बताया कि भगत सिंह चौक का सौंदर्यीकरण का कार्य नगर निगम द्वारा किया जाना है। जिसका प्रस्ताव निवर्तमान पार्षद अनुज सिंह द्वारा निगम में दिया गया था। निगम द्वारा शनिवार को चौक पर लगे हरे पेड़ों को काट दिया गया। लव कुमार शर्मा ने कहा कि बिना पेड़ो को काटे भी चौक का सौंदर्यीकरण हो सकता था। पांच वर्ष पूर्व तत्कालीन नगर आयुक्त द्वारा भगत सिंह चौक को प्रदूषण से बचाने और सौंदर्यीकरण के लिए पौधारोपण किया गया था। चौक के चारों तरफ रंग रोगन कर छोटे छोटे पौधे लगाए गए थे। रोजाना उनमें पानी, खाद देने के बाद उन्हें बड़ा किया गया। जब पौधे बड़े पेड़ बन गए और चौराहे की शोभा बढ़ा रहे तो निगम द्वारा उन्हें काटा जा रहा है। किसी भी चौराहे पर पेड़ नहीं हैं और जहां हैं वहां काटे जा रहे हैं। सचिव अनूप सिंह सिद्धू ने कहा कि लॉपिंग करके पेड़ों को बचाया भी जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस प्रकार से हरे पेड़ों को काटने से क्या लाभ है। निवर्तमान पार्षद अनुज सिंह ने कहा कि उनके द्वारा सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव भेजा गया था। पेड़ काटने का प्रस्ताव नहीं था। किसके द्वारा ऐसा करवाया जा रहा है। इसकी जानकारी ली जाएगी। वहीं मुख्य नगर आयुक्त का कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं है निर्माण विभाग जानकारी देगा।