हरिद्वार। पं.श्रीराम शर्मा आचार्य के विचारों को लेकर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के मार्गदर्शन में ज्योति कलश यात्रा देश के विभिन्न राज्यों में निकाली जा रही है। इस अभियान के अगले चरण में देश के पूर्वी व पश्चिमी राज्यों में ज्योति कलश यात्रा के लिए कार्यकर्ताओं की तीन दिवसीय विशेष संगोष्ठी शांतिकुंज में प्रारंभ हुई। संगोष्ठी में बिहार,झारखण्ड,महाराष्ट्र,गोवा आदि राज्यों के 1500 से अधिक कार्यकर्ता प्रतिभाग कर रहे हैं।गायत्री परिवार प्रमुख डा.प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी से प्रतिभागियों ने भेंट की और ज्योति कलश यात्रा पर विशेष मार्गदर्शन लिया। उन्होंने कहा कि समाज में देवत्व का विस्तार करने के उद्देश्य से देश भर में अलग अलग चरणों में ज्योति कलश यात्रा निकाली जा रही है। इस प्रकाश से सभी को आलोकित करना है। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए शांतिकुंज महिला मण्डल की प्रमुख शेफाली पण्ड्या ने कहा कि नारी समाज का महत्त्वपूर्ण स्तंभ है। नारी अब सभी क्षेत्रों में बढ़ चढ़कर कार्य रही हैं। नवयुग के उद्घोषक युगऋषि पं.श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के विचारों से जन जन को आलोकित करना है। उन्होंने कहा कि शांतिकुंज द्वारा निकाली जा रही ज्योति कलश यात्रा में बहिनों को भी सक्रिय भागीदारी निभानी है,जिससे पूज्य गुरुदेव व वंदनीया माताजी के ज्ञान प्रकाश से प्रत्येक घरों को प्रकाशित हो सके।शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी ने कहा कि गायत्री परिवार के संस्थापक पूज्य पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने हम सबको एक मशाल के नीचे खड़ा किया है, हम सभी जाग्रत आत्माएँ हैं। व्यवस्थापक गिरी ने अखण्ड ज्योति की महत्ता एवं उसके भावनात्मक स्वरूप के साथ ही आचार्यश्री के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व से लोगों को अवगत कराया। डा.ओ.पी.शर्मा,श्याम बिहारी दुबे,प्रो.विश्वप्रकाश त्रिपाठी आदि ने भी विचार व्यक्त किया।