हरिद्वार। गुजरात से आए श्रद्धालुओं ने भूपतवाला स्थित श्रीस्वामिनारायण आश्रम में श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज की अध्यक्षता,श्रीस्वामी हरिवल्लभ दास शास्त्री के सानिध्य और आनंद स्वरुप शास्त्री महाराज के संयोजन में धूमधाम से नववर्ष तथा अन्नकूट महोत्सव मनाया और भगवान नारायण को छप्पन भोग अर्पित किए।गुजरात से आए श्रद्धालु भक्तों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस अवसर पर श्रीस्वामीनारायण आश्रम के संस्थापक परमाध्यक्ष स्वामी हरिवल्लभ दास शास्त्री ने श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि भारत विविधताओं का देश है,देश में मनाए जाने वाले सभी पर्वो के पीछे के सार्थक संदेश है,अन्नकूट का पर्व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। सभी को अन्नकूट पर्व के अवसर पर पर्यावरण के संरक्षण व संवर्घन का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म के निमित्त धन का उपयोग ही धन की सद्गति है। संत सेवा और मानव सेवा में व्यय किया गया धन ही मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के पूर्व सचिव श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि गुजरात भक्ति की भूमि है और तीर्थनगरी हरिद्वार मोक्ष का धाम है।गंगा तट पर संतजनों के सानिध्य में किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठान से अक्षयपुण्य की प्राप्ति होती है। हरिद्वार आकर गुजराती परिवारों ने श्रीस्वामीनारायण आश्रम में संत जनों के सानिध्य में नव वर्ष और अन्नकूट महोत्सव मनाकर अक्षय पुण्य प्राप्त किया है। इस अवसर पर स्वामी रविदेव शास्त्री और गौगंगा सेवा धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मलदास महाराज ने गुजराती समाज को नव वर्ष की बधाई देते हुए आश्रम के संचालक स्वामी आनंद स्वरुप शास्त्री और संस्था के सहयोगियों के प्रति मंगल कामनाएं प्रकट करते हुए कहा कि स्वामी हरिबल्लभ दास शास्त्री ने सेवा भक्ति का जो पौधा रोपित किया था। आज वह वट वृक्ष के रूप में आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ा रहा है। अन्नकूट महोत्सव के यजमान हिरेंद्र भाई,लक्ष्मण भाई पटेल,श्रीधर लक्ष्मण पटेल व बसुमती बेन ने संतजनों का स्वागतकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर पूर्व पार्षद अनिरूद्ध भाटी,पूर्व पार्षद विनीत जौली, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,स्वामी दिनेश दास,महंत जगजीत सिंह,स्वामी शिवम महाराज,गुजरात से आए स्वामी चंद्र प्रकाश दास,स्वामी केशव प्रिय,स्वामी आनंद स्वरुप शास्त्री आदि ने श्रद्धालु भक्तों का आशीर्वाद प्रदान किया।