हरिद्वार। विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में रामकृष्ण मिशन सेवा आश्रम के डायबिटीज सपोर्ट ग्रुप के बच्चों ने डायबिटीज वॉक और ब्रेन गेम्स खेलकर मधुमेह को हराने के लिए लोगों को जागरूक किया।‘पौष्टिक खाना खाना है मधुमेह को हराना है,रोज दौड़ लगाना है,मधुमेह हराना है’ऐसे नारों के साथ बच्चों ने स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की अपील की। रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के सचिव स्वामी दयामूर्त्यानन्द ने कहा कि 4साल से लेकर 30साल के युवा भी इस डायबिटीज सपोर्ट ग्रुप में जुड़े हैं। हम इन्हें डायाचौंप कहते हैं क्योंकि इन्होंने अपनी टाइप वन डायबिटीज को हराकर एक आम व्यक्ति जैसा स्वस्थ जीवन जीना सीख लिया है। उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश द्वारा कंटीन्यूअस ग्लूकोस मॉनिटरिंग का उपकरण जो रोगी के बाजू पर लगाया जाता है 15दिन तक यह डिवाइस सबको निःशुल्क लगाई जाएगी। सफल परीक्षण के बाद में इसका भविष्य में उपयोग मरीजों के लिए किया जाएगा। मयंक और सुरभि ने सभी बच्चों को म्यूजिकल चेयर एवं अन्य गेम खिलाए। खेल में जीते बच्चों को पुरस्कार अतिथियों द्वारा विस्तृत किए गए। डायबिटीज डे पर लगाई गई पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन डा. राजेंद्र सिंह रीजनल ऑफिसर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में एम्स ऋषिकेश की एडिशनल प्रोफेसर डा.मीनाक्षी खापर्रे ने सभी डायबिटिक बच्चों को प्रोत्साहित किया।एम्स ऋषिकेश के डा.कल्याणी श्रीधरन एवं डा.जगपति ने कंटीन्यूअस ग्लूकोस मॉनिटरिंग डिवाइस की उपयोगिता के बारे में बताया। डिवाइन और मॉडर्न कॉलेज नर्सिंग के छात्रों द्वारा एक ड्रामा से लोगों को टाइप 1 डायबिटीज के बारे में जागरूकता दी गई। दिव्य प्रेम सेवा मिशन के बच्चों द्वारा योग आसनों का प्रदर्शन की सभी ने सराहना की। सभी डायाचौंप ने अपने अपने अनुभव सांझा किए। डिवाइन मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर गगन यादव,स्वामी अनादयाआनंद जगदीश महाराज,स्वामी एकाश्रयआनंद,स्वामी भाव रूपानंद,कार्तिक,नर्सिंग विभाग की डायरेक्टर मिनी योहानन, आंचल सैनी आदि मौजूद रहे।
रामकृष्ण मिशन सेवा आश्रम में बच्चों ने मनाया विश्व मधुमेह दिवस
हरिद्वार। विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में रामकृष्ण मिशन सेवा आश्रम के डायबिटीज सपोर्ट ग्रुप के बच्चों ने डायबिटीज वॉक और ब्रेन गेम्स खेलकर मधुमेह को हराने के लिए लोगों को जागरूक किया।‘पौष्टिक खाना खाना है मधुमेह को हराना है,रोज दौड़ लगाना है,मधुमेह हराना है’ऐसे नारों के साथ बच्चों ने स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की अपील की। रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के सचिव स्वामी दयामूर्त्यानन्द ने कहा कि 4साल से लेकर 30साल के युवा भी इस डायबिटीज सपोर्ट ग्रुप में जुड़े हैं। हम इन्हें डायाचौंप कहते हैं क्योंकि इन्होंने अपनी टाइप वन डायबिटीज को हराकर एक आम व्यक्ति जैसा स्वस्थ जीवन जीना सीख लिया है। उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश द्वारा कंटीन्यूअस ग्लूकोस मॉनिटरिंग का उपकरण जो रोगी के बाजू पर लगाया जाता है 15दिन तक यह डिवाइस सबको निःशुल्क लगाई जाएगी। सफल परीक्षण के बाद में इसका भविष्य में उपयोग मरीजों के लिए किया जाएगा। मयंक और सुरभि ने सभी बच्चों को म्यूजिकल चेयर एवं अन्य गेम खिलाए। खेल में जीते बच्चों को पुरस्कार अतिथियों द्वारा विस्तृत किए गए। डायबिटीज डे पर लगाई गई पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन डा. राजेंद्र सिंह रीजनल ऑफिसर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में एम्स ऋषिकेश की एडिशनल प्रोफेसर डा.मीनाक्षी खापर्रे ने सभी डायबिटिक बच्चों को प्रोत्साहित किया।एम्स ऋषिकेश के डा.कल्याणी श्रीधरन एवं डा.जगपति ने कंटीन्यूअस ग्लूकोस मॉनिटरिंग डिवाइस की उपयोगिता के बारे में बताया। डिवाइन और मॉडर्न कॉलेज नर्सिंग के छात्रों द्वारा एक ड्रामा से लोगों को टाइप 1 डायबिटीज के बारे में जागरूकता दी गई। दिव्य प्रेम सेवा मिशन के बच्चों द्वारा योग आसनों का प्रदर्शन की सभी ने सराहना की। सभी डायाचौंप ने अपने अपने अनुभव सांझा किए। डिवाइन मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर गगन यादव,स्वामी अनादयाआनंद जगदीश महाराज,स्वामी एकाश्रयआनंद,स्वामी भाव रूपानंद,कार्तिक,नर्सिंग विभाग की डायरेक्टर मिनी योहानन, आंचल सैनी आदि मौजूद रहे।