गीता ज्ञान प्रतियोगिता में डीपीएस रानीपुर के छात्रों ने प्राप्त किए प्रथम तीन स्थान


हरिद्वार। अध्यात्म चेतना संघ द्वारा आर्यनगर में आयोजित श्रीमद्भगवद ्गीता जयन्ती महोत्सव के अन्तर्गत विगत 14नवम्बर को आयोजित श्रीमद्भगवद्गीता प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा की गयी। जिसमें दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर के विद्यार्थी प्रथम तीन स्थानों पर रहे। विजेताओं में प्रथम स्थान पर रहे कक्षा सात के लोहित ने 11000,दूसरे स्थान पर रही कक्षा आठ की छात्रा आराध्या अनेजा ने 5000 तथा खुशी विरमानी ने 3000 का तृतीय पुरस्कार जीता। संस्था के मीडिया प्रभारी तथा वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण कुमार पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतियोगिता में 14विद्यालयों के लगभग पांच हजार विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया था। बताया कि प्रथम तीन स्थानों पर आने वाले विद्यार्थियों के अतिरिक्त प्रत्येक प्रतिभागी विद्यालय के प्रथम तीन विद्यार्थियों को भी सांत्वना पुरस्कार प्रदान किये गये। इसके पूर्व कथा व्यास आचार्य करुणेश मिश्र ने विगत सात दिनों से जारी श्रीमद्भागवत कथा को विश्राम देते हुए भगवान दत्तात्रेय के चौबीस शिक्षा गुरुओं की व्याख्या करते हुए कहा कि दत्तात्रेय ने चौबीस गुरु बना। लेकिन मन को अपने ही नियंत्रण में रखा। मन ही व्यक्ति को सब प्रकार से सबल अथवा निर्बल बनाता है। कथा के क्रम को विश्राम देते हुए उन्होंने कहा कि, राजा परीक्षित तो तक्षक सर्प के डसने से पहले ही शुकदेव से श्रीमद्भागवत सुन कर विदेह होकर भगवान में विलीन हो चुके थे।उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रोहिला प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए तथा आचार्य करुणेश मिश्र को मुख्यमंत्री की ओर से बधाई संदेश भेंट किया। व्यासपीठ की और से विनय रोहिला को सम्मानित किया गया। कथा के समापन पर श्रद्धालुओं द्वारा ग्रंथ पूजन तथा प्रसाद वितरण किया गया।