लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाया गया स्व.इंद्रमणि बड़ोनी का जन्मदिन


हरिद्वार। भेल सेक्टर-2 स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में स्व.इंद्रमणि बडोनी के जन्मदिन के अवसर पर लोक संस्कृति दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रवीण कुमार ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर तथा इंद्रमणि बडोनी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। कार्यक्रम का संचालन आचार्य मनीष शर्मा ने किया। मनीष शर्मा ने गढ़वाली भाषा में इंद्रमणि बडोनी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 24 दिसम्बर 1925को टिहरी गढ़वाल की रियासत के अखोड़ी गांव में जन्मे इंद्रमणि बडोनी को उत्तराखंड के गांधी के रूप में जाना जाता है। बडोनी अलग उत्तराखंड राज्य के लिए गहराई से प्रतिबद्ध थे। वह 1979से एक अलग राज्य के लिए आंदोलन में सक्रिय थे और पर्वतीय विकास परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे। 1994 में बडोनी ने अलग उत्तराखंड राज्य की मांग के लिए पौड़ी में आमरण अनशन शुरू किया। अंततः उन्हें सरकार द्वारा मुजफ्फरनगर जेल में डाल दिया गया। उत्तराखंड आंदोलन ने कई मोड़ लिए, लेकिन बडोनी ने इसमें केंद्रीय भूमिका निभाई और विभिन्न गुटों और खेमों में बंटे आंदोलन कारियों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। अहिंसक आंदोलन में उनके अटूट विश्वास और उनके करिश्माई लेकिन सहज व्यक्तित्व के कारण,द वाशिंगटन पोस्ट ने बडोनी को माउंटेन गांधी के रूप में संदर्भित किया। 18 अगस्त 1999 को ऋषिकेश के विठ्ठल आश्रम में उनका निधन हो गया। जीवन भर चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, बडोनी उत्तराखंड के इतिहास में एक सम्मानित और प्रभावशाली व्यक्ति बने हुए हैं। आचार्य तिग्मांशु बड़ोनी ने भी इंद्रमणि बड़ोनी के जीवन पर प्रकाश डाला। इस दौरान आचार्या प्रतिभा जोशी ने कुमांऊनी भाषा मे कविता प्रस्तुत की।