शांतिकुंज में किया तीन दिवसीय ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला का आयोजन
हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आयोजित तीन दिवसीय ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला का शुभारंभ शांतिकुंज के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। यात्रा का उद्देश्य दक्षिण भारत में जन जागरण फैलाना है। जिससे लोगों को समाज और जीवन मूल्य और आध्यात्मिक जागरूकता के प्रति जागरूक किया जा सके और समाज में अच्छाई और सकारात्मकता का प्रचार-प्रसार हो सके। वर्ष 2026गायत्री परिवार के संस्थापक पं.श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा प्रज्वलित अखण्ड ज्योति का शताब्दी वर्ष है। देशभर में जनजागरण हेतु गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार से देश भर में ज्योति कलश यात्रा निकाली जा रही है। इसी क्रम में दक्षिण भारत के राज्यों हेतु अखिल विश्व गायत्री परिवार की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने आठ दिव्य कलशों का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया और कर्नाटक,तमिलनाडू,आंध्रप्रदेश,तेलगांना,केरल से आये साधकों को सौंपा। शैलदीदी ने कहा कि हिमालय की छाया में बसे शांतिकुंज से ज्योति कलश का प्रवाह दक्षिण भारत के राज्यों को प्रकाशित करेगा। पं.श्रीराम शर्मा आचार्य ने सम्पूर्ण भारत को एक परिवार के रूप में माना है। शिविर समन्वयक परमानंद द्विवेदी ने बताया कि दक्षिण भारत के कर्नाटक,तमिलनाडू,आंध्रप्रदेश,तेलंगाना,और केरल के लिए अलग अलग ज्योति कलश यात्रा निकाली जायेगी,जो प्रत्येक गाँव,कस्बा,शहर में अलख जगायेगी। ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला तीन दिन चलेगी। जिसे शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी,देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या,शांतिकुंज महिला मण्डल प्रमुख शेफाली पण्ड्या सहित अनेक विषय विशेषज्ञ संबोधित करेंगे।कार्यशाला में कर्नाटक,तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश,तेलंगाना,और केरल से आये दो सौ से अधिक शांतिकुंज साधक भाग ले रहे हैं।