संस्कृत भाषा को सार्वभौमिक स्तरीय बनाने के लिए सभी स्तरों पर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश


हरिद्वार। उत्तराखंड शासन में संस्कृत शिक्षा सचिव,दीपक कुमार गैरोला ने अटल अतिथि गृह, में संस्कृत अकादमी के अधिकारियों के साथ प्रदेश की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के प्रोत्साहन ,संरक्षण,संवर्धन और नवीन योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु बैठक आयोजित की। बैठक में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की वार्षिक कार्ययोजना 2024-25 की समीक्षा करते हुए सचिव संस्कृत शिक्षा ने राज्य सरकार द्वारा संस्कृत बालिका शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने हेतु अकादमी के माध्यम से दी जा रही गार्गी संस्कृत बालिका छात्रवृत्ति योजना,सभी वर्गों के लिए संस्कृत शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से डा.भीमराव अम्बेडकर संस्कृत अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति योजना,संस्कृत शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संस्कृत ग्राम निर्माण योजना,संस्कृत संभाषण शिविर और विविध स्थानों के साथ संगोष्ठी व व्याख्यान शीघ्र करने के लिए आदेशित किया गया। उत्तराखंड राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत हैं,इस उद्देश से संस्कृत भाषा को प्रोत्साहन दिए जाने हेतु प्रदेश के सभी विभाग,कार्यालयों के नाम व बोर्ड तथा सभी अधिकारी-कर्मचारियों के नाम व पदनाम हिंदी भाषा के साथ-साथ संस्कृत भाषा में भी लिखें जाएं। उक्त हेतु अकादमी प्रदेश के सभी विभागों व केन्द्रीय कार्यालयों से संपर्क कर अनुवाद कार्य में सहयोग प्रदान करें। संस्कृत शिक्षा सचिव ने संस्कृत भाषा को सार्वभौमिक स्तरीय बनाने के लिए सभी स्तरों पर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए साथ ही संस्कृत विश्वविद्यालय,संस्कृत शिक्षा निदेशालय,संस्कृत शिक्षा परिषद् और संस्कृत अकादमी वर्ष 2047 तक संस्कृत भारत बनाने में अपने-अपने स्तर कार्य करना सुनिश्चित करें। बैठक में संस्कृत अकादमी के सचिव डा.वाजश्रवा आर्य,डा.हरीश गुरुरानी,गणेश फोंदणी,ओमप्रकाश भट्ट आदि उपस्थित रहे।