गंगा जल में स्नान और आचमन से होता है समस्त पापों का शमन-स्वामी ललितानंद गिरी
हरिद्वार। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी ने मां गंगा का दुग्धाभिषेक कर प्रयागराज महाकुंभ मेला सकुशल संपन्न होने की कामना की। महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि मां गंगा हमारी आत्मा है। मां गंगा की कृपा से प्रयागराज महाकुंभ मेला दिव्य और भव्य रूप से सकुशल संपन्न होगा। प्रयागराज महाकुंभ मेले की दिव्यता से पूरे विश्व में सनातन धर्म संस्कृति का गौरव बढ़ेगा। राजा भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर पतित पावनी मां गंगा ने पृथ्वी पर अवतरित होकर राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को मुक्ति प्रदान की थी। मां गंगा के जल में स्नान और आचमन करने से जाने अनजाने किए गए समस्त पापों का शमन हो जाता है और कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि गौमुख से गंगा सागर तक जाने वाली मां गंगा देश के बड़े भूगाग में कृषि भूमि को सिंचित कर भारत की अर्थव्यवस्था में भी अहम योगदान करती है। इसीलिए गंगा को भारत की जीवन रेखा भी कहा जाता है। स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने श्रद्धालुओं को गंगा स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि गंगा करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र तथा भारत का गौरव और देश की सांस्कृतिक पहचान है। उन्होंने कहा कि मानव कल्याण के लिए पृथ्वी पर आयी गंगा को निर्मल,अविरल और स्वच्छ बनाए रखना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। सभी को गंगा स्वच्छता के प्रति सहयोग करना चाहिए।