सेवानिवृत्त पेंशनर्स को नेशनल वेतन वृद्वि सम्बन्धी शासनादेश के विरोध में पेंशनरों की बैठक

 हरिद्वार। 30जून और 31दिसम्बर को सेवानिवृत्त पेंशनर्स को एक नेशनल वेतन वृद्धि देने संबंधी शासनादेश जारी होते ही विरोध शुरू हो गया है। उत्तराखंड शासन के सचिव दिलीप जावलकर के हस्ताक्षर से आज जारी आदेश में 11अप्रेैल 2023 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनर्स को ही वेतन वृद्धि देने का उल्लेख है,जिससे पुराने पेंशनर खासे नाराज हैं। जैसे ही आज शासनादेश जारी हुआ सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा,जिसपर अनेक प्रतिक्रिया आने लगीं। पेंशनर्स संगठनों ने जहाँ प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शासनादेश को पेंशनर्स के साथ धोखा बताया वहीं कर्मचारी संगठनों ने भी संशोधन व स्पष्टीकरण की मांग उठाई है। शासनादेश का अध्ययन कर उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड राजकीय पेशनर्स समन्वित मंच उत्तराखण्ड के मुख्य संयोजक जे.पी.चाहर ने शासनादेश की तुलना 12जून 2024 को जारी उत्तर प्रदेश शासन के आदेश से करते हुए इसे पेंशनर के साथ छल बताया है। चाहर ने बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2006 व 2016 के बाद 30जून या 31दिसम्बर को रिटायर होने वाले सभी पेंशनर को वेतन वृद्धि से पेशन व ग्रेच्युटी में लाभ दिया है जबकि उत्तराखंड में अप्रेल 2023 से जो बिल्कुल भी स्वीकार नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि यू.पी में एरियर नहीं देने पर जोरदार विरोध दर्ज किया गया है और एरियर भी लेके रहेंगे। सेवानिवृत्त उप कोषाधिकारी और मंच के संयोजक अनिरुद्ध शर्मा ने त्रुटिपूर्ण शासनादेश जारी करना शासन की परम्परा को शर्मनाक बताया। सेवानिवृत्त जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी व मंच के संयोजक आर.के.जोशी,सेवानिवृत्त अधिशाषी अभियन्ता व संयोजक एल.सी.पाण्डे तथा सेवानिवृत्त राज्यकर अधिकारी व संयोजक बी.पी.चौहान ने उत्तराखण्ड शासन पर पेंशनर विरोधी होने का आरोप लगाया है। उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड राजकीय पेशनर्स समन्वित मंच उत्तराखण्ड के मुख्य संयोजक जे.पी.चाहर ने आनन फानन में वर्चुअल मीटिंग कर शासनादेश पर चर्चा की और निर्णय लिया कि आज जारी शासनादेश में आमूलचूल संशोधन कर स्पष्टीकरण जारी होने तक शान्त नहीं बैठेंगे। मंच ने एरियर सहित ग्रेच्युटी,राशिकारण,अवकाश नकदीकरण आदि सभी सेवानेवृत्तिक देयों में वेतन वृद्धि का लाभ देने की मांग की है। मीटिंग में मंच के संयोजक रामवीर सिंह,सत्यवीर सिंह,मंजू सिंह,मधु सिंह,ई.केपी सिंह,बीपी सिंह सैनी,सुखवंश सिंह,आरके अस्थाना,रामसरीख,डॉ.हरिनारायण जोशी,अनिरुद्ध शर्मा,पंकज गुप्ता,आरके जोशी,विमल प्रताप सिंह,अमरपाल सिंह,मनोज शर्मा आदि ने विचार व्यक्त किये।